उत्तर प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती के ट्वीट पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि मैनपुरी और खतौली में सपा की जीत पर बीएसपी नेता को निराश नहीं होना चाहिए. यह समाजवादियों की जीत है. यह बाबा साहेब अंबेडकर और डॉ. राम मनोहर लोहिया के सिद्धांतों की जीत है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को ट्वीट कर चुनाव परिणामों पर सवाल उठाए थे. उन्होंने इस चुनाव में सपा और बीजेपी के बीच आंतरिक गठजोड़ होने का आरोप लगाते हुए मुस्लिमों को चिंतन करने की सलाह दी थी.
इस ट्वीट के वायरल होने के कुछ ही देर बाद अखिलेश यादव भी सामने आए. उन्होंने कहा कि मैनपुरी और खतौली में बाबा साहेब अंबेडकर और डॉ. राम मनोहर लोहिया के सिद्धांतों की जीत हुई है. अब उनकी पार्टी का लक्ष्य बीजेपी को रोकना है. बीजेपी उत्तर प्रदेश के ही रास्ते दिल्ली पहुंची थी, अब उसे उत्तर प्रदेश की ही जनता रोकने का काम करेगी. उन्होंने मायावती के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी और आजम खान साहब कभी चुनाव नहीं हारना चाहेंगे. बसपा सुप्रीमो को इतनी ही चिंता है तो उन्हें इलेक्शन कमीशन के खिलाफ बोलना चाहिए. उन्हें देखना चाहिए कि किस तरह से मतदाता खासकर मुसलमान भाईयों को वोट डालने से रोका गया, कैसे उनके घर घेर लिए गए, महिलाओं के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया. पार्टी के कई नेता बाहर निकले तो उनके हाथ पैर तोड़ दिए गए.
निरस्त होना चाहिए चुनाव
सपा सुप्रीमो ने मायावती के ट्वीट को लेकर कहा कि वह उनकी बात में उलझना नहीं चाहते. लेकिन रामपुर में हुए इस उपचुनाव में जिस तरह से प्रशासनिक मशीनरी का इस्तेमाल हुआ, इसका उन्होंने समय समय पर वीडियो इलेक्शन कमीशन को दिया है. मांग की है कि इस चुनाव को निरस्त कर दिया जाए. बीएसपी नेता को इस विषय पर मुखर होकर सामने आना चाहिए.
बीएसपी का है बीजेपी से पैक्ट
मायावती के ट्वीट पर पलटवार करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी के साथ सपा का नहीं, बल्कि बीएसपी का पैक्ट है. बीएसपी सुप्रीमो खुले तौर पर बीजेपी के इशारे पर काम कर रही हैं. बहुजन समाज पार्टी बीजेपी के इशारे पर काम कर रही हैं. पिछले ही चुनाव में समाजवादी पार्टी को हराने के लिए बीजेपी की रणनीति के मुताबिक बीएसपी ने टिकट बांटे थे. हालांकि वह इस पहलू पर नहीं जाना चाहते.
मायावती ने लगाए थे आरोप
रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए. इन सभी ट्वीट में उन्होंने उपचुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया था. साथ ही कहा था कि रामपुर में सपा जानबूझ कर हारी है. उन्होंने खतौली में रालोद प्रत्याशी की जीत पर भी सवाल उठाए थे. इसके लिए उन्होंने सपा और बीजेपी के आंतरिक गठजोड़ को जिम्मेदार बताया था. साथ ही उत्तर प्रदेश के मुसलमानों को आगामी चुनावों में इस प्रकार की धोखाधड़ी से सचेत रहने के लिए आगाह किया था.